देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना का एक दिनी आंकड़ा अब दो हजार से भी ऊपर निकल गया है। लेकिन, इससे कोई डर नहीं रहा है। जनता तो खैर खुलकर काम करेगी ही, क्योंकि उसकी मजबूरी है। काम करने से उसे कोरोना मार रहा है और काम न करने से भूख। उसके सामने एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई है। लेकिन, उत्तराखंड सरकार और विशेषकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जिस तरह से कोरोना को निपटाने के लिए कमर कसी है, वह ‘काबिले तारीफ’ है। बस मुख्यमंत्री की कोशिशों ने ही जनता का डर खत्म कर दिया है। उन्होंने ‘कोरोना भाग मंत्र’ प्रशासन के अधिकारियों को दे दिया है। इसीलिए वे काम करने की बजाय दिन भर अपने कार्यालयों या घरों पर बैठकर इस मंत्र का जाप कर रहे हैं। राज्य में सफाई भले न हो, लेकिन कोरोना भाग का मंत्रोच्चार जारी है। सड़कों का हाल बुरा है, लेकिन सभी इंजीनियर और अधिकारी जिस तरह से ‘कोरोना भाग मंत्र’ का जाप कर रहे हैं, वह उन सभी कष्टों को खत्म कर रहा है जो खड्डों, माफ कीजिए, सड़कों से गुजरने पर हो रहा है। उत्तराखंड जैसे विद्युत सरप्लस स्टेट में बिजली विभाग के अधिकारी भी ‘कोरोना भाग मंत्र’ के जाप में लगे होने की वजह से अनेक बार बिजली का स्विच ऑन करना भूल जाते हैं। जिससे अनेक क्षेत्रों में बिजली नहीं आती है। लोगों के बिजली कनेक्शन के आवेदन महीनों से लटके हैं। ‘कोरोना भाग मंत्र’ का असर इतना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के नीली-पीली जैकेट में फोटो शहर में हर कदम पर लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री हरेक को हाथ धोने, सामजिक दूरी रखने और मास्क पहनने की सलाह दे रहे हैं। हालांकि अब बच्चा-बच्चा यह बात जानता है, लेकिन ‘कोरोना भाग मंत्र’ की तरह ही मुख्यमंत्री के अन्य मंत्र भी जारी हैं। राज्य सरकार करोड़ों रुपए रोज समाचार पत्रों में विज्ञापन देने पर खर्च कर रही है। कोरोना पीड़ित लाखों लोगों को रोजगार देने के दावे हो रहे हैं। कोरोना ने जिनकी रोटी छीनी उनसे पूछो कि उत्तराखंड आकर उन्हें क्या मिला तो वे ताली बजाते हुए ‘कोरोना भाग मंत्र’ का ही जाप करने लगते हैं। क्योंकि उनके हाथ खाली हैं। कोरोना मंत्र के साथ ही विज्ञापन मंत्र भी जारी है। जब लोगों के पास खाने के लिए रोटी न हो ऐसे समय में सरकार की प्राथमिकता अगर विज्ञापन है तो समझ लीजिए कि आम हालात में क्या होता होगा। जिन विज्ञापनों के भरोसे सरकार जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रही है, वे ही जनता के गुस्से का कारण भी बन रहे हैं, क्योंकि जनता को तो पता ही है न कि उसे क्या मिला। आगे जनता खाली हाथों से ताली बजाएगी या मुट्ठी तानेगी यह तो समय ही तय करेगा। फिलहाल ‘कोरोना भाग मंत्र’ का जाप करें और स्वस्थ रहें।