देहरादून। कांग्रेस से भाजपा में आए और बंदूकें लेकर डांस करने व कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियों के बाद भाजपा से बाहर हुए रुड़की के विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन तेरह महीने के बाद वापस भाजपा में आ गए हैं। उनको जिस तरह से बाहर किया गया था, उसके बाद ऐसा लग रहा था कि पार्टी विद् डिफरेंस का डिफरेंशिएटर अभी बचा हुआ है। लेकिन अब जिस तरह से चैंपियन की वापसी हुई है उसने दिखा दिया है कि कोई डिफरेंस बाकी नहीं है। राजनीति के हमाम में सब नंगे हैं। अब बात करते हैं द्वारहाट के विधायक महेश नेगी की। दुराचार के आरोप झेल रहे नेगी ने भी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत को कह दिया है कि वह निर्दोष हैं और उन्हें कांग्रेस के कुछ नेता फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। नेगी लाख कहें कि उन्होंने कुछ भी नहीं किया, लेकिन यह साबित तभी होगा, जब आरोप लगाने वाली महिला की बेटी का डीएनए उनसे मैच नहीं हो। इसके लिए नेगी की डीएनए जांच जरूरी है, लेकिन नेगी फिलहाल इसके लिए तैयार नहीं हैं और यही वजह है कि नेगी के तर्क जनता के गले नहीं उतर रहे हैं।
भाजपा के नेता नेगी का मामला सामने आने के बाद लगातार उत्तराखंड के अन्य नेताओं के सेक्स स्कैंडलों की चर्चा करने लगते हैं। यहां तक कि वे नेगी के कदम को सही ठहराने के लिए यह भी कहते हैं कि राज्य के बड़े नेता तो पहले से ही दो पत्नियां रखते रहे हैं। कई बार तो वे अपनी पार्टी के दागी नेताओं का नाम लेकर नेगी का बचाव करते हैं। सवाल यही है कि भाजपा के नेताओं के इस हौसले की बड़ी वजह मतदाताओं द्वारा दागियों को सबक न सिखाना है। जब तक मतदाता दागियों को विधानसभा व लोकसभा में भेजता रहेगा, व्यभिचार का सिलसिला रुकने वाला नहीं है। कहीं ऐसा न हो कि अवैध संबंध राज्य का नया नॉर्मल न बन जाए। ऐसा भी नहीं है कि भाजपा में ऐसे नेताओं का विरोध करने वाले नहीं हैं। राज्यसभा सांसद व पूर्व में पत्रकार रह चुके अनिल बलूनी चैंपियन की वापसी का विरोध कर चुके हैं।