जब हम आपसे यह सवाल करते हैं तो अनेक लोग सोच में पड़ सकते हैं कि यह क्या है? कई लोगों को यह नाम सुने हुए लग सकते हैं, कुछ लोग इसके बारे में जानते भी हैं। लेकिन जिन लोगों के लिए यह नाम अपरिचित हैं, हम उन्हें बताना चाहते हैं कि ये माउंट एवरेस्ट के मूल नाम हैं। पहले तिब्बती लोग इसे चोमोलुंगमा यानी बर्फ की देवी और नेपाली सागरमाथा कहते थे। लेकिन, 1865 में जब रॉयल जियोग्राफिकल सोसायटी ने इसका अंग्रेजी नाम रखा तो शायद उन्हें इसके स्थानीय नाम मालूम नहीं थे। माउंट एवरेस्ट दुनिया के सात प्राकृतिक आश्चर्यों में भी शामिल है। कोई भी व्यक्ति हेलीकॉप्टर से इस चोटी के बहुत करीब तक जा सकता है। इस चोटी पर चढ़ना हर किसी के लिए आसान नहीं है। बेस कैंप से इस चोटी की चढ़ाई में करीब 12 दिन लगते हैं और इस पर लगभग 30 लाख रुपए का खर्च होता है।